नियम व निति निर्देशिका::: AIBA के सदस्यगण से यह आशा की जाती है कि वह निम्नलिखित नियमों का अक्षरशः पालन करेंगे और यह अनुपालित न करने पर उन्हें तत्काल प्रभाव से AIBA की सदस्यता से निलम्बित किया जा सकता है: *कोई भी सदस्य अपनी पोस्ट/लेख को केवल ड्राफ्ट में ही सेव करेगा/करेगी. *पोस्ट/लेख को किसी भी दशा में पब्लिश नहीं करेगा/करेगी. इन दो नियमों का पालन करना सभी सदस्यों के लिए अनिवार्य है. द्वारा:- ADMIN, AIBA

Home » , , , » ये नेता अब बिगड़ गए हैं

ये नेता अब बिगड़ गए हैं

Written By SURENDRA KUMAR SHUKLA BHRAMAR5 on बुधवार, 11 जनवरी 2012 | 1:43 pm

ये नेता अब बिगड़ गए हैं
—————————–
खटमल तो हैं भले बिचारे
चूस रक्त फिर भक्त बने
ये नेता तो चूसे जाते
घर भर लेते नहीं अघाते
दिन में भी हैं लूट रहे
सात समुन्दर पार हैं उड़ते
दिल बदले फिर फिर कर आते
जिस थाली में आते खाते
उसी में सौ सौ छेद करें
——————————–
मच्छर तो हैं भले बिचारे
बोल चूस कर उड़ जाते
बच सकते जो जागे होते
नेता जैसे नहीं ये होते
आँख झंपी तो वार करें
अपने बीच में पड़े खड़े हैं
कोल्हू जैसे पेर रहे
यहीं घूमते गोले-गोले
निशि दिन तेल निकाल रहे
———————————–
मगरमच्छ सा भोले बन के
यहाँ वहां है सोये
खून सूंघते आहट पर ये
“सौ” -टन जबड़ा कसते
————————-
माया मोह न भाई बंधू
कुछ भी ना पहचानें
बड़े बेरहम हैं -अंधे -ये
माँ को भी ना जानें
—————————-
ये बन्दर हैं छीन झपट लें
शेर से करते वार
देव -दूत ना हंस नहीं हैं
गीदड़ -रंगा-नील सियार
पिजड़े में जब तेरे होंगे
मिट्ठू मिट्ठू बोलें
नाक नकेल अगर तुम ला दो
देश का बोझा ढो दें !!
————————————
ये नेता अब बिगड़ गए हैं
फूल का हार न भाता
कोई जूता -हार -पहनता
कोई थप्पड़ खाता !
——————————
काल कोठरी इनको भाती
एक एक कर जाते
माँ के दूध की लाज भी भूले
तनिको ना शरमाते
——————————-
रौंद रौंद फुलवारी को अब
सब पराग ले जाता
अंडे खा ना पेट भरे ये
“सोने चिड़िया ” नजर गडाए
—————————
विद्वानों की मति मारें ये
पार्टी चाबुक लाये
जनता को सौ टुकड़े बाँटें
खून हैं रोज बहाते
रावण कंस बने ये दम्भी
देव से लड़ने जाते !!
——————————-
अथक परिश्रम से बनता है
भाई अपना खून
पानी सा मत इसे बहाना
सपने में ना भूल
कल रथ की डोरी हाथों में
तेरे फिर फिर आये
कोड़ा -चाबुक ले कर ही चढ़ना
गीता रखना याद !
माया -मोह- न रटना- “अपने ”
अर्जुन कृष्ण को लाना चुन के
तभी जीत हे ! जनता तेरी
तेरा होगा राज !!
———————————————
शुक्ल भ्रमर ५
३.३०-४.३१ पूर्वाह्न
२७.११.११ यच पी
Share this article :

2 टिप्पणियाँ:

RITU BANSAL ने कहा…

नेताओ की बात व्यंगात्मक तरीके से लिख कर अच्छा वार किया है..नेतागिरी पर..
kalamdaan.blogspot.com

sangita ने कहा…

netaon ki shandar vyakhya ki hae.

एक टिप्पणी भेजें

Thanks for your valuable comment.