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कुछ तो लोग कहेंगे - 1

Written By Pappu Parihar Bundelkhandi on शुक्रवार, 7 अक्तूबर 2011 | 5:27 am



कृतिका कामरा - Kritika Kamra

तेरी मासूमियत,
मैं पहले दिन ही भांप गया था,
जब तुझे तेखते ही,
मेरा दिल कांप गया था,

डॉ. निधि वर्मा
ये बेचैनी है किसलिए,
जरा नैन से नैन तो मिलाओ,
नज़र दूर है किसलिए,
ज़रा चेहरा तो उठाओ,

डॉ. आशुतोष मन ही मन में
चेहरा वो छुपा रहे हैं,
दर्द-ए-हाल से,
पर्दा तो हटा दो,
चेहरा-ए-नूर से,

डॉ. निधि वर्मा के लिए
उनकी बेचैनी,
उनकी बेहनतहाई बता रही है,
चुपके-चुपके दिल में,
प्यार जता रही है,

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