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तुझको मिले अब तो चाहत तेरी

Written By नीरज द्विवेदी on रविवार, 4 सितंबर 2011 | 10:35 pm



मेरी दुआ है रब सेकि पूरी हो आरजू तेरी,
मेरी अल्तजा है उस खुदा सेमोहब्बत मेरी,
मुझे तू मिलेना मिलेअब ये किस्मत मेरी,
फिर भी तुझको मिले अब तो चाहत तेरी॥

इन दिनों हमें शौक हैयाद करना तुम्हें,
और तुम्हारी आदत हैभूल जाना हमें,
तुझे हिचकी का आना है हरकत मेरी
फिर भी तुझको मिले अब तो चाहत तेरी॥

ये आज कल अश्क बहाना है हरकत मेरी,
फिर भी तुझको मिले अब तो चाहत तेरी॥

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